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Showing posts from February, 2010

निशाने पर बिहार

निशाने पर बिहार मुंबई किसकी है? मराठी मानुष या सभी भारतीयों की? यह यक्ष प्रश्न एक बार फिर मराठी मानुष एवं देश की जनता के बीच घूमने लगा है। इसके साथ ही पिछले कुछ समय से ठंड़ी पड़ी भारतीय राजनीति को फिर गर्माहट मिल गयी है। इस प्रश्न को हवा देने का कार्य किया महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने। चव्हाण ने राज्य में मराठी जानने वालों को ही टैक्सी का परमिट दिए जाने की वकालत की थी। हांलाकि वह इसे अमलीजामा नहीं पहना सके परंतु महाराष्ट्र में अपनी चिर प्रतिद्वंदी शिवसेना के हाथों अपनी पीठ थपथपाने में जरुर सफल रहे। इसके बाद तो शिवसेना और मनसे ने अपना पुराना राग अलापते हुए महाराष्ट्र में रह रहे उत्तर भारतीयों पर तीखे प्रहार फिर शुरू कर दिए। इन सब घटनाओं के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अपनी लंबी चुप्पी तोड़ते हुए सीधे तौर पर शिवसेना को यह नसीहत दे डाली कि मुंबई पर जितना अधिकार मराठी मानुष का उतना ही अन्य प्रांतों में रह रहे भारतीयों का भी है इसलिए बेहतर होगा कि मराठी मानुष के नाम पर क्षेत्रीयता की अपनी घिनौनी राजनीति बंद करे। संघ प्रमुख के इस बयान के बाद भाजपा के नवनिर्वाचित अध्यक्ष नि