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Showing posts from April, 2016

क़ाफ़िरों की नमाज़ फिल्म का पोस्टमार्टम

क़ाफ़िरों की नमाज़ (फिल्म समीक्षा) राम रमेश शर्मा द्वारा लिखित, निर्देशित फ़िल्म क़ाफ़िरों की नमाज़ शानदार कला सिनेमा (आर्ट मूवी) का नमूना है। फ़िल्म 2013 में तैयार हो गई थी। कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीतने के बावजूद भारतीय सेंसर बोर्ड ने इसे पास करने से इनकार कर दिया। इसके बाद फिल्ममेकर्स ने यह फिल्म यू-टयूब पर ही रिलीज कर दी। चार दिन पहले रिलीज हुयी इस फ़िल्म को अब तक 88,000 लोग देख चुके है।   फ़िल्म का नाम भी काफी सोच-समझकर रखा गया है। फ़िल्म के टाइटल का मतलब “ एक पावन यात्रा ” है जो पूरी फ़िल्म देखने के बाद कहीं भीतर तक समा जाने को बेताब है। जीवन में कुछ सवाल हर आदमी के दिमाग में आते  हैं। तयशुदा जिंदगी के मुताबिक उनमें से कई सवाल ताउम्र कहीं छिपाकर रख लिए जाते हैं। व्यक्ति के चेतन मन पर जीवन की हर घटना किस तरह से असर डालती है, उसका हर आदमी का अपना अलग नज़रिया है। फ़िल्म में मुख्य रूप से चार पात्र हैं : एक पागल फौजी जिसका अभी-अभी कोर्टमार्शल हुआ है। एक स्वघोषित टैगोर बना पत्रकार जो अब फौजी के जीवन पर किताब लिखना चाहता है। एक चायवाला जो हो रही बातचीत में अप

कला सिनेमा का एक और बेहतर नही अतुलनीय उदाहरण "काफ़िरों की नमाज़"

राम रमेश शर्मा की बहुत ही शानदार कला फिल्म ( Art movie), बल्कि इसे सेंसटिव सिनेमा कहना बेहतर होगा , अगर दिल की धड़कन को महसूस करना चाहता है , एकांत चाहते है , या एकांत में कुछ रचनात्मक करना चाहते है , तो बात मानिये इससे बेहतर विकल्प शायद दोबारा न मिले। फिल्म बिल्कुल फिल्म जैसी है टेक्निकल पहलू हो या कलात्मक आप किसी को भी भूलना नही चाहेंगे। बीच बीच में नाखून से खरोचने वाले संवाद , अचानक वैली ऑफ फ्लॉवर से वैली ऑफ हेल तक का सफर करा देते है वो भी मुफ्त में , पूरी फिल्म में रक्तरंजित क्रांतिकाल खंडों का वर्णन है लेकिन खून के विजुअल पूरी फिल्म में नहीं दिखेंगे। और जहां दिखेंगे वहा एनीमेटेड , विजुअल के साथ रेडियों पूरी तरह से माइंड ऑफ थियेटर फील कराता जाएगा। दोनो के संघर्ष में रेडियो की उपयोगिता और विजुअल में रेडियो का इस्तेमाल वाकई देखने लायक है। शुरूआती दौर में कश्मीर के बेहतर दृश्य सामने आएंगे जो कि फितूर फिल्म से मिलते जुलते है। कश्मीर को स्वर्ग और कश्मीर में जिस लोकेशन का इस्तेमाल किया गया है वह देखने लायक है। सीढ़ियों से भरा एक गंदा हॉल और रंगों (सीपिया मोड) का समान संयोजन फिल्म