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Showing posts from December, 2016

यू.पी चुनाव ख़ासः- सपा मतलब “शिवपाल”

 विधानसभा चुनाव-2017 के लिए सभी राजनीतिक पार्टियां दल बल के साथ चुनावी रणभूमि में कूद चुकी है। दंगल से प्रभावित सभी पार्टियों के पास अपने-अपने पैतरें और दांव पेंच है। दल-बल और बाहुबल चुनाव में ख़ास रहता है लेकिन यू.पी में जाति को चुनाव से अलग कर नहीं देखा जा सकता है। इसबार धनबल को मोदी सरकार ने काफी हद तक प्राभावित किया है। चुनावी रैलियों में इसका असर साफ दिखायी देने भी लगा है। यू.पी में बसपा के खाते में आने वाले चंदे को लोग काला धन बता रहे है। सपा में कुनबे के दंगल में सब अपने दाव को सही बता रहे है। बीजेपी चेहराविहीन चुनाव लड़ने की तैयारी में है। सपा के टिकट उम्मीदवारों की लिस्ट ने चुनावी मौसम में आग में घी डालने का काम किया है। इस आग में खुद सपा भी जलेगी ये उम्मीद किसी को नही थी। हालही में कुनबे को पारिवारिक दंगल से मुक्ति मिली थी। लेकिन हर राजनैतिक पार्टी की तरह सपा भी अंतः कलह का शिकार हो गयी। हालांकि पार्टी के टिकट उम्मीदवार की सूची देख के यह कहना गलत नही हो होगा कि सपा का मतलब समाजवादी पार्टी नही बल्कि शिवपाल हो गया है। इसमे कोई दोराय नही कि मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश से