वर्ष २००८ के नवम्बर माहमें देश की वित्तीय राजधानी मुम्बई में कायरतापूर्ण हमलों ने देश को झकझोर दिया । इन हमलों के कारण लोगों में न केवल जागरूकता पैदा हुई अपितु परिणामोन्मुख तरीके से सुरक्षा उपकरणों को और अधिक सशक्त बनाने की आवश्यकता मह्सूस हुई । नई दिल्ली में आंतरिक सुरक्षा के बारे में आयोजित मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन मे आतंकवादी खतरे से निबटने की रूपरेखा तैयार की गयी । उन्होंने राष्ट्र के लिए दो लक्ष्य निर्धारित किए । पहला दिनोंदिन बढत़ी जा रही अत्याधुनिक आतंकवादी धमकी से निबटने के लिए तैयारी का स्तर ऊंचा करना और दूसरा, किसी आतंकवादी खतरे या आतंकवादी धमकी की अनुक्रिया की गति या निर्णयात्मकता को और अधिक बढा़ना । इन दोनों लक्ष्यों को हासिल करने के लिए मुम्बई की घटनाओं के बाद सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं । आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (संशोधन) अधिनियम 2008 अन्य बातों के अलावा राज्य सरकारों द्वारा पीड़ितों के लिए क्षतिपूर्ति की एक व्यापक योजना बनाई गई है ताकि ऐसे अपराधों में, जिसमें सात वष तक कारावास दंड दिया जाता है, मामलों के बार-बार स्थगन के कारण मुकदमों के शीघ्र निबटान की कठिनाइयों, श्...
विवरण भला किसी का कहीं दिया जा सकता है? जैसा जिसका नज़रिया वैसा उसका विवरण। खैर अब जब लिखने की फार्मेल्टी करनी ही है तो लीजिए- पेशे से शिक्षक और दिल से "पत्रकार" ये थोड़ा डेडली मिश्रण जरूर है लेकिन चौकाने वाला भी नही। समसामयिक घटनाओं के बारे में मेरी निजी राय क्या है वो यहां उपलब्ध है। आप सभी के विचारों का स्वागत है। मेरे बारे मेें जानने के लिए सिर्फ इसे समझे- (open for all influence by none! )