कुशीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिवर्तन रैली में हजारों की भीड़ अपने प्रधानमंत्री के दीदार के लिए सुबह से पैर जमाए खड़ी थी। यहां अपने पूरे भाषण में मोदी का फोकस कालेधन और नोटबंदी पर रहा। बुद्ध के क्षेत्र में मोदी के इस भाषण में बुद्धि और संयम , दोनों का प्रयोग किया गया। पीएम मोदी ने नोटबंदी के अपने फैसले को हर तरह से जायज बताया और उसके पक्ष में कई उदाहरण भी रखे। लोकतंत्र में हर निर्णय पर जनता की मिली-जुली प्रतिक्रिया होती ही है। नोटबंदी के फैसले पर भी ऐसा रहा। मोदी जी का कहना है कि लगभग आधे से ज्यादा आबादी मोबाइल फोन का इस्तेमाल करती है। मतलब रिचार्ज भी कराती ही होगी। इस प्रक्रिया को सीखने के लिए क्या कोई कभी स्कूल गया था या कोई सरकारी कर्मचारी उन्हें यह सिखाने आया था ? आखिरकार जनता ने खुद ही सीख ही लिया। ऐसे ही कैशलेस अर्थव्यवस्था की शुरूआत भी की जा सकती है। अपने उदाहरणों में उन्होंने कहा कि रेलवे के आधे से ज्यादा टिकट लोग स्वंय ऑनलाइन ही बुक कर लेते है। पिछली दो दफा भावुक हो चुके प्रधानमंत्री ने इस बार अपने सशक्त हौसले का ...
विवरण भला किसी का कहीं दिया जा सकता है? जैसा जिसका नज़रिया वैसा उसका विवरण। खैर अब जब लिखने की फार्मेल्टी करनी ही है तो लीजिए- पेशे से शिक्षक और दिल से "पत्रकार" ये थोड़ा डेडली मिश्रण जरूर है लेकिन चौकाने वाला भी नही। समसामयिक घटनाओं के बारे में मेरी निजी राय क्या है वो यहां उपलब्ध है। आप सभी के विचारों का स्वागत है। मेरे बारे मेें जानने के लिए सिर्फ इसे समझे- (open for all influence by none! )