Skip to main content

MASJID / MANDIR FAISLA KYA ????

आप  सभी  के  सामने  अपना  मत   रखना  मै   मानता  हूँ  की  ये  गुस्ताखी  माफ़ी  के  काबिल  नहीं  है  ? लेकिन  कहा  जाये  तो  अक  वाक्य  सभी  गलतियों  को   माफ़  करने  लायक  बना  देता  है  -- " दिल  तो  बच्चा " है  .........
बाबरी  मंदिर  या  मस्जिद ??? पैर  आप  सभी  ज्ञानार्जन  के  लिए  कई  ब्लॉग  ,बुक्स    पढ़  चुके  होंगे  ....लेकिन  मेरे  कुछ  सवाल   और  कुछ  राय  इस  प्रकार  है  आप  उनसे  कहा  तक  सहमत  है  ये  जानने  की  इच्छा   हुई  तो  सोचा   ब्लॉग  अच्छा   माध्यम  बन  सकता  है  ..........



सवाल  ये  है   की  --1--  उपर  वाले  को  मंदिर  या  मस्जिद  की  दीवार  में  रखना  कहाँ  तक  उचित  है  ????

                          --2-- क्या  खून  में  सनी  दीवार  के  भीतर   आप  इबादत  या  पूजा  करना  चाहेंगे ???

                         --3--इस  कथन  से  आप  कहाँ  तक  सहमत  है    '' क्या  उपर  वाला  इतना  दुर्बल  है  की  उसको  स्वयं अपनी  सुरक्षा
  के  लिए  गार्ड्स    की  जरुरत  पड़  रही  है " ???/ अगर   हाँ  तो  हम  अपनी  सुरक्षा   के  लिए  उसके  सामने  हाथ  फैला  रहे  है  जिसकी  रक्षा   hum svaym ker rahe hai ??
                        --4--ager hume jhagda fasad hi kerna hai to kitne log isse sehmat hai ki jhagda kerne k liye hum kal kuch aur karan paida ker he lenge??
                       --5-- aap me se kitne aur kitni baar jeevan me ibadat ya pooja kerne k liye Ayodhya  gaye .????


ab  sawal bahut ho gaye  ..  naraj hone walo k liye bhi  matlab bhar ki tonik  ho gai hai 

ab kuch rai ....................

**** Ager hum ak hai , aur hamare irade nek hai ....to ab hum raj netou ko aur dharam guruo ko siyasat ke tave per dharm ki rotiya nahi sekne denge..............................

***** Aap k apne desh me aap dehshat aur dar  k sath jio ye kaha tak aur kitna uchit hai ??????

*****Ramjan me RAM aur Deewali me ALI   ye sidh kerte hai ki hum pehle bhi ak the aur aaj bhi ak hai aur kal bhi ak reh sakte hai ...

*****Ibadat aur pooja log mansik sukoon ,aman chain k saath jeevan jeene k liye kerte hai .

***** kehne wale keh gaye, jane wale chale gaye............

        kankaal  kya khak bolenge.... 
        ki mai hindu hoon aur tu musalman hai .......


Comments

Popular posts from this blog

पूरे देश को खाना खिलाने वाला खुद घास और चूहे खाकर पेशाब पी रहा है

पिछले 40 दिनों से लगभग हर अखबार की खाली जगह भरने और हर चैनल का बुलेटिन पूरा करने के लिए एक ही खबर का इस्तेमाल किया जा रहा है। दिल्ली में तमिलनाडु के किसानों का विरोध प्रदर्शन। अपनी मांग रखने के लिए सभी गांधीवादी तरीके अपना चुके ये किसान आखिर में अपना पेशाब पीने को मजबूर हो गए, लेकिन लुटियंस दिल्ली में बैठने वाले सरकार के किसी प्रतिनिधि के कानों तक इनकी आवाज नहीं पहुंची। मल खाने तक की धमकी दे चुके ये किसान आज अगर बंदूक उठा लें, तो नक्सलवाद का ठप्पा इन्हें व्यवस्था से बाहर कर देगा। डर इस बात का है कि डिजिटल इंडिया के निर्माण की प्रक्रिया में हम उस धड़े की उपेक्षा कर रहे हैं, जो जीवन की सबसे बेसिक जरूरत को पूरा करने वाली इकाई है। एक तरफ उत्तर प्रदेश के किसानों का कर्ज माफ किया जाता है, वहीं दूसरी तरफ तमिलनाडु के किसानों को मानव-मल खाने की धमकी देनी पड़ती है। कल तक सत्ता तक पहुंचने का जरिया रहे ये किसान आज सत्ता की अनुपलब्धता का श्राप झेल रहे हैं। एक आम भारतीय को न तो अजान की आवाज से तकलीफ होती है और न मंदिर के घंटे से, लेकिन अपने अन्नदाता की ऐसी दुर्गति जरूर उसके मन को क...

Inside Mind of Nathuram Godse : His Last Letter

Nathuram Godse killed Mahatama Gandhi. Nathuram Godse loved his country but he was misguided person. It has always been a curious query in my mind that what would have been going in nathuram godse's mind for 6 months time period till he killed gandhi. This is letter he wrote from jail after Mahatam Gandhiji was killed by this misguided person. As most of human beings , he too believed what he did was right . "You both are acquainted with the teachings of the Bhagavad Gita and have thoroughly studied our shastras. Bhagavan Sri Krishna had preached the 'Gita'. The name Sri Krishna with his powerful weapon 'Sudarshan Chakra' had decapitated 'Sishupal', an Aryan King; not in the battlefield but on the land of the Rajasuya Yagna. Who can dare call this very act of Sri Krishna a sin? Sri Krishna had killed so many persons both in wars and on other occasions for the sake of establishing universal happiness. For the sake of one 'Seeta Devi' the Ramayana...

चीन को समझना अब जरूरी नहीं, मजबूरी है।

पिछले डेढ़ महीने से चीन का भारत और भूटान के साथ जो गतिरोध दिख रहा है, वह कई दिशाओं में होने वाले विनाश की तरफ इशारा कर रहा है। मौजूदा वक्त में पूरे एशिया में सिर्फ भारत ही है, जो चीन की आंखों में आंखें डालकर खड़ा हो सकता है। उधर चीन भी लगातार अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है। पिछले एक दशक में ड्रैगन ने समुद्री क्षेत्र में अपना दखल मजबूत किया है। पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट की आर्थिक मदद करके चीन क्या फायदा उठाना चाहता है, यह किसी से छिपा नहीं है। कश्मीर से बलूचिस्तान तक जो हालात हैं, उससे पाकिस्तान की सेहत पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ रहा है। चीन भी पाक के साथ मिलकर इसका फायदा उठाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहा है। एक तरफ चीन के रक्षा मंत्रालय ने दावा किया है, 'पहाड़ हिलाना आसान है, लेकिन चीनी सेना को नहीं।' दूसरी तरफ CAG की उस रिपोर्ट ने उग्र-राष्ट्रवाद की समर्थक सरकार की हवा निकाल दी, जिसमें कहा गया कि भारतीय सेना के पास सिर्फ 10 दिन लड़ने लायक गोला-बारूद है। बीजेपी नेता भले रिपोर्ट के गलत समय पर जारी होने की बात कह रहे हों, पर सरकार से उम्मीद की जा सकती है कि वह गोला-बार...