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पूरे देश की सांस एक ही वेंटीलेटर पर अटकी।

सियाचीन में 3 फरवरी को 800*400 फीट की बर्फ की  दीवार अचानक सोनम पोस्ट पर आ गिरी ।  अचानक आयी इस आपदा में देश के 10 जवानों को ज़मींदोज कर दिया। जिनमें 9 के मृत शवों को प्राप्त कर लिया गया। किन्तु कर्नाटक के एक जवान हनमनथप्पा को जीवित पाया गया। यह जवान पिछले 6 दिनों से 35 फीट बर्फ के नीचे दबा हुआ था। 150 से ज्यादा लोगों की टीम और दो कुत्तों के माध्यम से यह आपदा प्रबंध का कार्य संचालित हो सका। 6 दिनों तक बिना कुछ खाए इतने गहरे तक बर्फ में धंसे इस सैनिक पर नाज़ होना लाज़मी है। हैरत में पड़ गए न। मेरा भी यही हाल था जब यह खबर सुनी।
विशेषज्ञों की माने तो ब्लू स्नो या नीली बर्फ किसी कंक्रीट की तरह स़ख्त होती है। स्नोवॉल का गिरना भी यदा कदा ही संभव है। कयास लगाने वाले गला चीर-चीर के कह रहे है कि कोई एअर बबल यानि हवा का बुलबुला बन गया होगा जिससे जवान के शरीर की ऑक्सीजन की पूर्ती हो पायी होगी। कुछ का कहना है कि स्नोवॉल के गिरने से ही हनमनथप्पा कोमा में चले गए होगे जिससे उनके शरीर को कार्यप्रणाली सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए कम ऑक्सीजन की आवश्यक्ता पड़ी होगी।
कयास में जीने से कोई फायदा नही। हनमनथप्पा के बचने के बाद ही हकीकत का पता चल पाएगा। लेकिन  कहां मयस्सर है चिराग को घी हरदम। देश जिस वेंटीलेटर की ओर आशा की नज़रों से देख रहा था। वह आशा निऱाशा का रूप ले लेगी ऐसा किसी ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा। दिल्ली के सेना अस्पताल में देश का श्रेष्ठतम इलाज हुआ। प्रधानमंत्री से लेकर सेना के सभी वरिष्ठ अधिकारी लगातार इसी उम्मींद में थे कि शायद कोई करिश्मा हो जाए। खैर हनमनथप्पा की यह शहादत बेकार नही जाएगी। वह आदर्श स्थापित कर गए कि हौसला क्या होता है।
पूरी घटना में मै देश के साथ ही हूं, किन्तु मन में अफसोस इस बात का है कि 10 जवानों में से हनमनथप्पा का नाम तो सबको याद हो गया। लेकिन क्या बाकि 9 जवानों को मीडिया ऐसा ही शानदार कवरेज दे पाएगी। मालूम हो कि स्नोवॉल के गिरने के बाद से शवों की बरामदगी के बाद से सभी शव सेना के सियाचीन बेस पर ही रखे गए है.। मौसम खराब होने के कारण इन शवों को अभी तक इनके परिवार वालों के सुपुर्द नही नही किया गया है। सरकार से गुजारिश है कि    सभी शहीदों के शवों को राष्ट्रीय सम्मान के साथ जल्द से जल्द  उनते  परिवार को मुहैया कराया जाए।
आप जैसे वीरों से भारत का मान है। श्रद्दाजंली ......
धन्यवाद

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